हमेशा एक
हमेशा एक
एकती राहें होती है हमेशा एक,
मिल जाते हैं उस पर, हमसफ़र अनेक,
तू विचलित ना हो, सिर्फ़ अपने लक्ष्य को देख,
गर कोई लगता है तुझे, वह है तेरा सहारा,
तो फिर मिलकर हो जा तू, एक और एक ग्यारह।
राही आबो-हवा का रुख बदल सकता है,
गर का काबिल है हमनशी, तो जीवन बदल सकता है,
तेरे ख्वाबों का मुकम्मल मकान मिल सकता है,
गर लगता है तुझे, वह है तेरा सहारा,
तो फिर मिलकर हो जा तू, एक और एक ग्यारह।
खामोशियों से ना कतरा जानेमन,
जला कर दीया कर दे रोशन चमन,
एकता का मंत्र ले आगे बढ़ ऐ सनम,
गर लगता है तुझे, वह है तेरा सहारा,
तो फिर मिलकर हो जा तू, एक और एक ग्यारह।
जात-पात धर्म-भेद भूल कर तू आगे बढ़,
सत्कर्मों से मज़बूत होंगी, इंसानियत की जड़,
साथ लेकर कारवां, तू जीत की, सीढ़ियों पर चढ़,
गर लगता है तुझे, वह है तेरा सहारा,
तो फिर मिलकर हो जा तू, एक और एक ग्यारह।