कोरोना में होली।
कोरोना में होली।
होली है रंगों का त्यौहार,
जीवन हो जाएं रंगीन,
चेहरे पे छलके खुशी,
ग़म हो जाएं लुप्त,
आपस में सब हिल मिल जाएं,
नहीं रहे कोई कटुता।
लेकिन क्या हम रंग लगा सकते,
क्या गले मिल सकते,
क्या इकट्ठे नाच-गा सकते,
महामारी ने है आ घेरा,
मिलने जुलने का ढंग है बदला,
तो होली खेलने का तरीका भी होगा अनोखा।
क्यों न सोशल मीडिया पे खेली जाए होली,
जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और
टेलिग्राम इत्यादि,
तरह तरह की प्रतियोगिताएं चलाकर,
जैसे कविता, शेर शायरी, अंताक्षरी, निबंध,
कहानी, लेख, पेंटिंग्स इत्यादि,
सब लोगों को किया जाए निमंत्रित,
सारा दिन रखा जाए इसमें व्यस्त,
शाम को किया जाए पुरस्कृत,
सब के चेहरे खिल उठेंगे,
और होली के भी इ रंग निखरेंगे।
इसके होंगे कई लाभ,
सोशल डिस्टैंसींग का भी होगा पालन,
हुड़दंग नहीं मचेगा,
कोरोना से भी हर कोई बचेगा,
होली भी मनाई जाएगी,
रस्मों रिवाज भी होंगे पूरे ,
बस जरा हटके,
इ तरीके से।