Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ruchika Rai

Tragedy Others

4  

Ruchika Rai

Tragedy Others

कोरोना काल क्या खोया क्या पाया

कोरोना काल क्या खोया क्या पाया

1 min
240


कोरोना काल सबका जीवन हुआ मुहाल,

जिसे देखो वही दिख रहा खुद में बेहाल,

उम्मीदें टूट रही हारता रहा हर इंसान,

सबके मन में बस घूमता फिरता सवाल।


प्राइवेट नौकरियों पर गिरी थी गाज,

रेहड़ीवालों के बंद पड़ गए थे काज,

मायूसी का घना गह्वर छाया हर जगह,

अच्छे अच्छे के बिखर गए थे सारे साज।


स्कूलों की भी रौनक बंद पड़ी थी,

बचपन भी घरों में कैद डरी डरी थी,

अपनों से भी दूर का नाता बन गया था,

इंसानियत भी डरी सहमी हर घड़ी थी।


इन सब में दिखा एक अच्छा सा काज,

विज्ञान और प्रौद्योगिकी का नया आगाज,

ऑनलाइन कार्यों का होने लगा बोल बाला,

यही बन गया अब हमारा नया साज।


सड़कों पर मोटरों का धुआँ हुआ ठप,

कल कारखानों में भी सब गया खप,

नदियों का जल स्वच्छ सुन्दर हो चला था,

खत्म हो गया था नेताओं का गप्प।


इस तरह कोरोना काल में कुछ खोया कुछ पाया,

सुख और दुख को हमने संग में अपनाया,

जीवन को नए नजरिये से जिया सबने मिलकर,

अपने हौसलों का ही बढ़ता रहा हर दम साया।


Rate this content
Log in