STORYMIRROR

Bhoop Singh Bharti

Tragedy

3  

Bhoop Singh Bharti

Tragedy

कोरोना का कहर

कोरोना का कहर

1 min
193


कोरोना का कहर है छाया।

देखो इससे जग घबराया।। 


मानव से मानव में फैले,

इसको सबने अछूत बनाया।


गली गली में घूम रहा है, 

कोरोना का काला साया। 


छुपकर करता वार हमेशा,

कोरोना की फैली माया। 


मचा हुआ है हाहाकार, 

उपचार नहीं कोई पाया।


तोड़ा इसने भाईचारा, 

दुनिया में सन्नाटा छाया।


इससे पाई उसने पार,

लॉक डाउन जिसने अपनाया।


होता मकान दुर्ग महान,

घर में रहे सुरक्षित काया।


'भारती' हाथों को धोना, 

रखना मुख पर मास्क लगाया।



 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy