कोरोना एवं रिश्ते
कोरोना एवं रिश्ते
दुनिया के रंग निराले,
कोरोना कोरोना करते,
करुणा को भूल गए,
मिलने की जब बात करो,
कहते हैं माफ़ करना करोना है,
बात करनी हो उतनी कर लो, मिलना नहीं करोना है....!
सवाल एक मन में आया,
ओफ़्फ़िस जाते, दुकान जाते,
लोगों को मिलते, ग्राहक को मिलते,
व्यापारी हो या यात्री सब से हैं मिलते...!
मिलन जब बहन भाई का हो,
मिलन जब प्यार और प्यार भरे रिश्ते का हो,
कहते माफ़ करना करोना है,
छोटे बच्चे घर में और घर बुजुर्ग है,
मत आना मिलने घर में, कहते करोना है भाई करोना है.......!
बहानो का शिकार बन रिश्ते नाते हैं,
कहते चिंता अपनी नहीं चिंता तुम्हारी है...!
वाह करोना, दिखा दिए सचे जूठे रिश्ते,
छुप गए वो आज जो दिखते थे फ़रिश्ते...!
बनाए रखो धूरी भाई, करोना है करोना है....!
हरगोविंद कहता, खुश रहो घर में, मत मिलो ना आवों जाओ,
करोना है भाई करोना है......;!