नसीहत
नसीहत
उठना है ऊपर को तो अपने दम पर उठो,
नीचे गिरा कर किसी को, भला ऊपर कैसे उठ सकता है कोई......!
राज करना है अगर तो दिलों में बस जाओ,
प्यार करो और राज करो, इतना आसान है ये, क्यों ना समझ पाता है कोई,
कठोर बन कर दिल दुखाना अच्छा नहीं होता भाई,
देर नहीं हुई अब भी, समझ जाए हर कोई.......!
सुनना सीखें, समझना सीखें,
बिना सुने किसी को कैसे समझ सकता है कोई,
प्रतिक्रिया से बात बिगड़ती ही है, कैसे काम बना सकता है कोई.....!
ckground-color: rgba(255, 255, 255, 0);">सुनी सुनाई बातों पर प्रक्रिया ना दें,
परखें सुने और समझें, ऐसे ही कोई प्रतिक्रिया कैसे दे सकता है कोई,
बे समझी प्रतिक्रिया तो हिंसा ही होती है, ऐसा हिंसक कैसे बन सकता है कोई.....!
काम करेंगे तो ग़लतियाँ भी होंगी,
छोटी सी बात को यहाँ समझ नहीं पाता कोई,
बुरा तो तब लगता है जब हर छोटी बात को बड़ा बनाता है कोई.....!
माफ़ी चाहते हैं ख़ुदा से अगर तो माफ़ करना भी सीखें,
है सच्चाई यह भी हरगोविंद, माफ़ करना कठिन है,
मगर माफ़ करके छोटे से बड़ा बन सकता है यहाँ हर कोई......!