इन्सान बनो
इन्सान बनो
ना हिन्दू बनो ना मुसलमान बनो,
सब से पहले अच्छे इंसान बनो,
इबादत चाहे ख़ुदा की करना,
या नाम तुम प्रभु का जपना,
याद रखना फिर सच्चा संदेश,
ज़हन में रखना फ़रमान और उपदेश,
याद तुम रखना, है अच्छा इंसान बनना....!
कभी किसी से ना फ़रेब करना,
का कभी तुम धोखा करना,
करना है तो सिर्फ़ प्यार तू करना,
चाहता है अगर ख़ुदा का बंदा बनना,
चाहता है, तू सच्चा साधु बनना,
महोब्बत कायनात से करना और प्रेम तू खलकत से करना.....!
मदद हर किसी की करना, ऊँच नीच हो,
या हो अमीर-गरीब,
इंसान हो या हो परिंदा, मालिक का बनाया तू सबको समझना,
बचाना ही अगर, अब तुम इंसानियत को तुम बचाना,
भगवान- ख़ुदा के फ़रमान को बचाना,
सिर फिरों के चक्कर में आकर,
किसी का दिल तक तुम ना दुखाना.....!
अब तो इस बात को सून लो, कहा है जो अब करके दिखाना,
अब हम क़सम खा लेंगे, करेंगे प्रेम, नहीं नफ़रत का नाम लेंगे.....!
फिर हरगोविंद सिर ऊँचा करके कहना मालिक का मैं बंदा हूँ,
नेक इंसान हूँ, मदद मैं सबकी करता हूँ,
हाँ मैं नेक इंसान हूँ क्यों की आज़ाद भारत का बाशिंदा हूँ......!
