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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Romance Action

कोरे कागज़ पर लिखा।

कोरे कागज़ पर लिखा।

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यारों कोरे कागज़ पर अपनी जिंदगी लिखी,

अश्रुओं से सींचकर अपनी हर खुशी लिखी।


अपने दुख-दर्द को उतार कर शब्दों में न,

हमनें अपनी प्यार की कहानी तो लिखी।


तकलीफों और मुश्किलों को बयान किया,

दुनिया ने कहा वाह जनाब क्या ग़ज़ल लिखी।


कोरे कागज़ ही तो रह गए न वो प्रेम-पत्र सारे,

जिनको लिखे उन्होंने हमें पराया ही तो किया।


अब रह गए रद्दी के ही तो कोरे कागज़ों की तरह,

तमाम उम्र रखेंगे इनको उनकी अमानत की तरह।


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