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Ishrat Jahan Amir Ali Khan

Tragedy

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Ishrat Jahan Amir Ali Khan

Tragedy

कोई इंसानियत तो कोई ......

कोई इंसानियत तो कोई ......

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कोई इंसानियत तो कोई अपनी टोपी बेच देता है

मिले अगर दाम बहोत, तो जज भी अपनी कुर्सी बेच देता है,


मार दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी

के जिस बेटी की खातिर बाप खून बेच देता है,


कोई मासूम लड़की आज के जमाने मे प्यार में कुर्बान है जिस का

बनाकर वीडियो उसका, वो प्रेमी बेच देता है, 


ये ऐसा यूग है, दोस्तो कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं आज

कली, फल फूल, पौधे सब सव्य माली बेच देता है,


किसी ने प्यार में दिल हारा तो क्यूँ हैरत है लोगों को

युद्धिष्ठिर तो जुए में अपनी पत्नी बेच देता है….!!!


बदल जाओ दोस्तो वरना कब खूद खाक हो जाओगे समझ ना पाओगे ।


  


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