कोई आता नहीं
कोई आता नहीं
कोई आता नहीं
कोई जाता नहीं
इन सुनसान गलियों में
कोई साथ निभाता नहीं
सभी हैं खुशियों के साथी
दुखों में कोई नज़र आता नहीं
शिकायत सिर्फ़ हमे नही
हमारे घर की चार दीवारी को
और उसमें रखे सोफे को है
ये खाली सोफे़ करते हैं शिकायतें
आखिर क्यों सिर्फ सुख के साथी हैं लोग
दुःख मे कयों कोई हाथ बढ़ाता नहीं।