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chandraprabha kumar

Classics

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chandraprabha kumar

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कनुप्रिया राधाष्टमी

कनुप्रिया राधाष्टमी

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आज हुआ था आविर्भाव

तप्तकॉंचनवर्णी श्रीराधा का पीपी

कृष्ण की ये अंतरंगा शक्ति

अष्टमी के दिन ही आईं थीं। 


भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी कृष्ण की

भाद्रपद शुक्लप़क्ष अष्टमी राधा की

कृष्ण का श्याम सलोना मनोहारी रूप

चॉंदनी सा दुग्ध धवल राधा का रूप। 


राधा कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति

साहित्य का भंडार भरा राधा से

सूरदास जयदेव विद्यापति से कवि

अनुपम सौन्दर्य चित्रण किया लेखनी से।


राधा कृष्ण पूरक हैं एक दूजे के

कृष्ण के साथ नाम जुड़ा है राधा का

कृष्णवल्लभा करके गुणगान हुआ

कृष्ण प्रिया भी वे हैं कहलाती। 


राधा रूप अपार अगाध मोहिनी

अद्भुत राधा रूप पर मोहे श्रीकृष्ण

सुन्दरता तत्त्व लावण्य सार भू पर

ज्यों कनक लता और तमाल वृक्ष हों। 


वृन्दावन मथुरा बरसाना से 

धूमधाम राधा जन्म तिथि की

श्रीमद्भागवत में राधा नाम नहीं

विलक्षण भाव लोक की सृष्टि।


रसिक शिरोमणि हैं श्रीकृष्ण कहलाते

सम्मोहन है विशाल नेत्रा राधा का

नवल किशोर और नवल किशोरी

वृन्दावन में नव मधु का मृदु हास आया।


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