स्वागतम
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नव वर्ष की छटा छाई अंबर से अमृत बरस रहा,
मन मंदिर सज फूलों से राम लला को रट रहा।
कृपानिधान को घर मिला थे अब तक बेघर राम,
जनवरी माह आ रहा खुशियां ले दिवाली है तैयार।
मंगल गान से गुंजित हवा सरोबार हो बह रही,
घनश्याम लिए नगाड़े है सारंगी चहुं ओर बज रही।
हर्षित है पल्लव पल्लव कली कली भी खिल उठी,
देकर अपनी सुगंध ब्यार को ये संदेशा सुना रही।
घर मिला राम को पा खुशी सारी नगरी है नाच रही,
फूलों की वर्षा चहुं ओर है धूप दीप सुगंधित दरबार ।
जन जन शबरी बना हुआ था नयना दर पे टिके हुए,
देख राम को अब अयोध्या में नयना सब शीतल हुए।
चलो करें मिलकर तैयारी पूर्ण पूजन हो विविधान,
कमी न कोई रहने पाए देखे राम दिल से हर्षाए।
आओ मिलकर नव वर्ष मनाए अंग्रेजी नही राम का
आगमन हो रहा खुशी खुशी घर मंदिर मिष्ठान चढ़ाए।
