खफ़ा खफ़ा ....
खफ़ा खफ़ा ....
आज हम तुझसे खफा खफा से है तुझसे जुदा जुदा से है,
चाह कर भी तुझसे बात करना नही चाहते,
जाने क्यों क्या वजह है तुझसे दूर दूर रहने की इच्छा है,
बस जाने क्यों आज दिल चाहता है कि रो ले हम,
अपने अश्कों को आज हमने तुमसे क्या जमाने से भी छिपा लिया,
दर्द आज बहुत हुआ हमको हमारे ही सपनो से,
जब भी कोई सपना हमको दर्द दे जाता है ,
हम चाह कर भी चेहरे पर हँसी ला नही सकते,
दिल चाहता है तुझसे दूर दूर ही रहे हम,
अपने गमो का साया भी तुझ तक ना जाने दे,
मेरे गम मेरे ही नही तेरे भी है ये वादा हमारा था,
लेकिन आज हम अपना ये वादा भी तोड़ रहे है।
