STORYMIRROR

Kawaljeet GILL

Abstract Classics Inspirational

4  

Kawaljeet GILL

Abstract Classics Inspirational

खफ़ा खफ़ा ....

खफ़ा खफ़ा ....

1 min
299

आज हम तुझसे खफा खफा से है तुझसे जुदा जुदा से है,

चाह कर भी तुझसे बात करना नही चाहते,

जाने क्यों क्या वजह है तुझसे दूर दूर रहने की इच्छा है,

बस जाने क्यों आज दिल चाहता है कि रो ले हम,


अपने अश्कों को आज हमने तुमसे क्या जमाने से भी छिपा लिया,

दर्द आज बहुत हुआ हमको हमारे ही सपनो से,

जब भी कोई सपना हमको दर्द दे जाता है ,

हम चाह कर भी चेहरे पर हँसी ला नही सकते,


दिल चाहता है तुझसे दूर दूर ही रहे हम,

अपने गमो का साया भी तुझ तक ना जाने दे,

मेरे गम मेरे ही नही तेरे भी है ये वादा हमारा था,

लेकिन आज हम अपना ये वादा भी तोड़ रहे है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract