STORYMIRROR

Alka Nigam

Romance

3  

Alka Nigam

Romance

कमल दल जैसी तुम

कमल दल जैसी तुम

1 min
237

कमल के पत्ते पे पड़ती

पानी की बूँदों जैसी तुम

इस दुनिया की होके भी

 

इस दुनिया की न लगतीं तुम

कीचड़ में ऊपर उठके

जो खिलता है वो कमल हो तुम

आसक्ति की मोह माया में


जो न फँसे वो भ्रमर हो तुम

जिसको सुन मन वृन्दावन हो

मीरा की वो तान हो तुम

जिसकी लय पे रास रचे

बाँसुरी वो कान्हा की तुम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance