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Sawan Sharma

Abstract Others

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Sawan Sharma

Abstract Others

कलाकार

कलाकार

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एक कलाकार है मेरे अन्दर,

जो मुझे मुझसे ज्यादा पसंद है, 

एक कलाकार जो सोच सकता है,

अपने विचारो को शब्द दे सकता है। 


थोड़ा सा लिखना है आता, 

आती थोड़ी चित्रकारी, 

गायन थोड़ा और अभिनय, 

कर लेता है वो थोड़ा।


कुछ जिम्मेदारियां आ गई है, 

कलाकार कहीं खो रहा है, 

कमाने की होड़ में,

मुझसे दूर हो रहा है।


कहता रहता है वो मुझसे,

बाहर नहीं लाते मुझको,

अंदर बंद करके आखिर,

क्यों रखे हो तुम मुझको। 


खुश तो मैं भी हूं नहीं,

बंद रख कर कलाकार को,

मुझको भी नहीं लगता अच्छा,

कलाकार जो अंदर रहता। 


जानता हूं एक दिन,

फ़िर निकलेगा वो बाहर,

कलाकार मरता नहीं,

वो तो रहता है अमर। 



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