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राही अंजाना

Tragedy

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राही अंजाना

Tragedy

किस्मत के मारे

किस्मत के मारे

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साँस लेना भी दूभर हुआ है बेचारों का,

हाल देख लीजिये किस्मत के मारों का, 


अपने ही हाथों कुरेद रहे फेफड़े देखो,

आखिर होगा क्या बेख़ौफ़ बीमारों का, 


उखाड़ फैंकने में लगे हैं ज़मी, है कमी, 

अगला घर कहाँ होगा इन बंजारों का।


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