किसी रहमत से कम है क्या??
किसी रहमत से कम है क्या??
ले रहे हैं चैन की साँस इसलिये कृतघ्नता के मारे हैं,
सरहद पर जाके देखो लोग हर साँस के लिए कर्रा रहें हैं,
कितना अन्तर है देशों में एक इस ओर तो दूसरा उस पार है,
एक शरणागत वत्सल तो दूसरा लड़ने को तैयार है,
एक लड़ रहा है विस्तारवाद के नाम के लिए,
तो वहीं दूसरा मर रहा है अपने हिन्दुस्तान की शान के लिए,
एक आतंकवाद तो दूसरा प्यार और एकता का प्रतीक है,
कोई जलेबी सी बात नहीं सब कुछ सटीक है,
लोग सब कुछ पाकर भी खुश नहीं,
मैं कृतार्थ हो गयी भारत माता की शरण पाकर अब और किसी का दुख नहीं,
आँख उठा के देखे मेरी भारत माता को,
स्पष्ट शब्दों में बता दो
इतना किसी में दम है क्या,
जनाब नसीब समझो अपना
हिन्दुस्तान मैं जन्मे हैं किसी रहमत से कम है क्या !!!
