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dr vandna Sharma

Drama Tragedy

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dr vandna Sharma

Drama Tragedy

किस दिशा में जा रहा है ये मेरा

किस दिशा में जा रहा है ये मेरा

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किस दिशा में जा रहा है ये मेरा देश

खबरें पढ़-सुनकर मन व्यथित हो रहा


कैसे बनेगा विश्वगुरु ये मेरा देश

जिस युवा पीढ़ी पर नाज था हमको


वो व्यस्त दंगा फसाद में, हड़ताल में

कहीं अराजकता कही साम्प्रदायिकता


कहीं धरने, कहीं भ्रष्टाचार

नहीं चिंता किसी को समाज की


स्वार्थ की रोटी सब सेंक रहे

क्या करूँ, कहाँ जाऊँ, किससे कहूँ मन की व्यथा ?


नैतिकता, देशप्रेम, मानवता

ढूंढ़े नहीं मिलती आज के इंसान में


आरोप-प्रत्यारोप में फँसे हैं नेता

देश को ही भूल गए कुर्सी की दौड़ में


किस दिशा में जा रहा ये मेरा देश

बेरोज़गारी नहीं समस्या, न ही महंगाई


मुख्य बात है जनता है अलसायी

हो हुनर तो पठार से भी पानी निकल सकता


सोच बदले युवा तो देश बदल सकता है।।


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