खुशियों का त्योहार दिवाली
खुशियों का त्योहार दिवाली
सुन्दर रंगों से सजी रंगोली
खुशियों का त्यौहार दिवाली।
मन में जलती फुलझड़ियाँ
गली पटाखों की लड़ियाँ।।
मन के रंगों से सजाई
घर की अपनी फुलवारी ।
सुख के दीप जले हैं घर में
फैली है अब तो खुशहाली।।
दीपक की इक ज्योति हर लेती
दुनिया में फैला अंधियारा ।
दीपमालिका की कतारों से
चलकर आईं लक्ष्मी माता।।
बच्चों में भर रहा जोश है
दौड़ लगाते घर आँगन।
राॅकेट और पटाखों से
गूँजी सारा आसमान। ।
यूं ही बढ़ती जाएं खुशियाँ
देवों का आशीष रहे।
जगमग हो जाए यह सृष्टिऔर
धरा पर रह न जाए अंधियारा।