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Mamta Singh Devaa

Abstract

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Mamta Singh Devaa

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" सपने बोरियों में "

" सपने बोरियों में "

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सपने.......

कुछ बड़े कुछ छोटे

कुछ मीठे कुछ तीखे

कुछ सच्चे कुछ झूठे

सब बंद इन बोरियों में

आओ.......इन्हें खोले

इन्हें जिएं,इन्हें सच करें

एक - एक कर इनकी गिनती कम करें ।



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