खुद से हारे
खुद से हारे
1 min
408
तुम स्वतंत्र हुए, सभ्य नहीं
तुम पढ़ लिख गए, बुद्धिमान नहीं
तुमने भगवान को माना, किन्तु नास्तिक ही रहे
तुमने पत्थरों को पूजा और इंसानो को ठुकराया
तुम लक्ष्मी वान हुए किन्तु सरस्वती से वंचित
तुम कैसे भक्त बने, ज्ञानी बने कि बढ़ता गया अभिमान तुम्हारा
तुमने राज्य जीते, देश जीते, विश्व विजय बने
और तोड़ते रहे मन
तुमनें देवताओं को भी हरा दिया
तुम खुद देवता बन गए
किन्तु न बन सके तो बस मनुष्य
तुमने सब कुछ जीता
किन्तु खुद से हारे हमेशा.