खुद की पहचान
खुद की पहचान
झाँक रहे हैं इधर उधर सब
अपने अंदर झांकें कौन ?
ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां
अपने मन में ताके कौन ?
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते
खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा
यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"