खो गए
खो गए
सांसों की तार पे,
धड़कन की ताल पे,
दिल ने जो गाए थे,
गीत कहीं खो गए
बरखा बहारें थी,
रस की फुहारें थी,
हम थे और तुम थे,
फूलों की कतारें थी,
खामोश बातें थी,
सपनीली रातें थी,
सपने बिखर गए,
मीत कहीं खो गए
नैनों में बसते थे,
पलकों में पलते थे,
ख्वाब कितने सुरमई
शामों में ढलते थे,
दिल की सजी महफ़िल में,
दो दिलों की मंजिल में,
गूंजते थे सुर और,
संगीत कहीं खो गए
दिल ने तेरे दिल से,
कर ली सगाई थी,
दिल की अपनी एक,
दुनिया बसाई थी,
आई न जाने,
कैसी वो आंधी थी,
मुझसे बिछड़ के वो
मीत कहीं खो गए
ओ मेरे हारे दिल,
किसको पुकारे दिल,
किसके लिये दिल की,
बगिया संवारे दिल,
रूठी बहारें हैं,
रूठी हवाएं हैं,
जब से तुम तोड़ के
प्रीत, कहीं खो गए
सांसों के तार पे।