कहना आसान है
कहना आसान है
इस जग में लड़का-लड़की दोनों एक समान हैं
फ़र्क दिखता आज भी, बस कहना आसान है
नारी को पूजा जाता, कहते नारी देवी समान है
अपमानित हो रही आज भी, बस कहना आसान है
आतिथ्य-सत्कार की रीत रही, अतिथि ईश्वर के समान है
आजकल हाल-चाल भी नहीं पूछते, बस कहना आसान है
माता-पिता हैं सबसे ऊपर, माने जाते धरती पर भगवान हैं
आज सम्मान भी नहीं कर रही संतान, बस कहना आसान है
समाज के निर्माण में स्त्री-पुरूष दोनों का महत्वपूर्ण योगदान है
स्त्री का महत्व नहीं रखा जाता, बस कहना आसान है