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Hardik Mahajan Hardik

Tragedy Inspirational

4.3  

Hardik Mahajan Hardik

Tragedy Inspirational

ख़्वाब

ख़्वाब

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कुछ ख़्वाब अधूरे रह गये,

डर के आगे फीके रह गये !!


क़लम अब हे ख़ामोश मेरी,

बिना किसी नकल रह गये !!


ख़्वाब मेरे अधूरे आज पूछों,

अपने वो जो आज रह गये !!


क्या लिखूं मैं वो दर्द हार्दिक

जो बेफ़िक्र अपने रह गये !!


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