ख़त हैं लेकिन पता नहीं
ख़त हैं लेकिन पता नहीं
खत है लेकिन पता नहीं,
वक़्त है लेकिन कुछ लिखा नहीं,
सोचता रह गया कि लिखूँ उन्हें,
कुछ बातें वो यादें पुरानी,
पर कलम उठते नहीं,
कलम में दवात भरा नहीं,
दिल मे है जो बात वो,
वो जुबां पर आते नहीं,
लिख कर भी जाहिर करूं कैसे,
खत है लेकिन उसका पता नहीं