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Lokanath Rath

Abstract

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Lokanath Rath

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खेलो होली

खेलो होली

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बड़े दिनों के बाद अब

फुरसत से आइरे देखो होली ,

रंगो में रंगे है आज

सब खोले खुशिओं का झोली ,

आया रे आया रे रंगो का त्यौहार ,खेलो होली ......


ये जीवन तो है रंगो से भरा

कभी हसे कभी सुने कुछ गाली ,

समय के रथ पे सवार हुई

आने जाने के घडी ये हाथ रहेगा खाली .

आज खुशियां मनाओ ,नाचो झूमो ,खेलो होली ..........


संगीत के सुरों में भी अलग अलग

पर इसके तान तो है सदा निराली ,

और ये तान पे जब सुर लगे

खुशिओं का रंग मन के साथ खेले होली .

सारे गम भुला दो ,गले में लगालो,खेलो होली .........


सुख दुःख तो यारो आनी जानी

मन के बागीचे को करलो अब खाली ,

अब देखो प्रेम और शान्ति का रंग बरसे

अब नयी दिन और पल तो आनेवाले .

सारे रंग हमारे लिए आज मिले ,खेलो होली ..........


लाल पीला हारा नीला काला नारंगी

सफ़ेद में चढ़ के उसे देखो छुपा डाली ,

खुशीका त्यौहार है आनंद का बाज़ार है

तुम भी कुछ ले लो ,मैँ तो कुछ चुरा ली.

आयो नाचो ,झूमो खुशियां बांटो आज ,खेलो होली .........



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