खेल
खेल
खेल खेल में
नन्हे से मिट्ठू ने सीखा
पढ़ने - लिखने का सलीका।
देख उसे नानी को भी
आया जोश
संग बैठकर उसके
नानी ने भी सीख लिया
पढ़ने - लिखने का तरीका।
नानी के इस काम से
हो गए हैरान सभी,
पूछे सब नानी से
कौन गुरू हैं जिनसे तुमने
ये सब सीखा?
नानी मुस्कुरा कर बोली -
गुरू हैं मेरे नन्हे मिट्ठू
नमन उसे मैं करती हूँ,
मैंने नन्हे से मिट्ठू गुरू से
ये अनुभव नया है सीखा।
