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jyoti pal

Romance

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jyoti pal

Romance

खामोशियाँ

खामोशियाँ

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तेरी खामोशियाँ  कहती है, कि वो बहुत कुछ सहती हैं

हैं कई सारे राज ,जो तेरे मन मे पर्दे के भीतर रहते है

और मेरी आँखो पर पर्दा डालने की कोशिश करते है

जब तेरे लफ्ज बंद रहते हैं,तेरे अश्क सबकुछ कहते हैं


मैं हूँ तुम्हारे साथ तुम्हारी परछई बनकर तुम जान लो, हवा चली हैं और देख लिया आज थोड़ा अंदर का नजारा और है आशा मुझे पर्दे के थोड़े-से हटने पर आज जो रोशनी अंदर गई हैं वह तुमने भी देखी हैं और फिर हरी किरण तुझमे फिर-से जगी है, हौसलो की, उम्मीदों की।




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