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Dinesh Dubey

Tragedy

4  

Dinesh Dubey

Tragedy

कड़वा सच

कड़वा सच

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मीठी जुबान से झूठ बोलते,

जीवन में हैं जहर घोलते,

सच्चाई से हैं रखते दूर ,

यही इस दुनिया का दस्तूर।

जो एक बार जान ले ,

जीवन का कड़वा सच ,

यहां कोई नही है सगा,

अपनो ने अपनो को ठगा।

हर पल नया खेल है खेले,

हर पल हैं पीछे हैं ठेले,

झूठे झूठे ख्वाब दिखाकर,

सच्चाई से रखते हैं दूर।



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