JAYANTA TOPADAR

Drama Action Inspirational

4  

JAYANTA TOPADAR

Drama Action Inspirational

कड़वी सच्चाई

कड़वी सच्चाई

2 mins
27


मैंने ज़िंदगी में कभी

अपनी कामयाबी को

आगे रखने के लिए

किसी मजबूत सीढ़ी का

सहारा नहीं लिया

(मगर कई तथाकथित 'महानुभावों' ने

इसका उलटा ही किए

और आज वे ऐशो आराम की

ज़िंदगी बिताते दिख रहे हैं...)

बात कड़वी है, मगर

इसमें सौ प्रतिशत सच्चाई है !!!

(जो कि ऊँचाई पर विराजमान

उन 'ताक़तवर चेहरों' को

नज़र आता नहीं...

या यूँ कहें कि उनकी

'नज़रंदाज़' करने की

आदत 'पुरानी' है !!!)


कहते कुछ हैं और 

दिखाते कुछ और हैं...

ये उलटफेर कहाँ से 

सीखते हैं लोग...???

ऐसा किसी 'उसूल पसंद' इंसान से

क्यों किया करते हैं लोग...???


क्या 'ऊँचाई' पर विराजमान

उन 'ताक़तवर चेहरों' को ये 'कड़वी सच्चाई' कभी महसूस नहीं होती...???


मगर मेरा भी रण हुंकार है

कि प्रलय आने की देर है,

मगर इतिहास बदलने से

कोई किसी 'ईमानदार' इंसान को

किसी 'मुक़ाम' पर ही सही,

कतई रोक नहीं सकता... !!!


अब तो मैंनें मदद की 'गुहार'

लगाने से तौबा किया...!!

अब तो मैंने 'कृत्रिमता भरी'

इन अनगिनत तक़लीफ़ों को ही

अपना 'शस्त्र' बनाकर

रणभूमि-रूपी दैनंदिन जीवन में

सत्साहस एवं निर्भयतापूर्वक

लड़ने की तैयारियाँ शुरू कर दी... !!!


ये तो आनेवाले समय की

हुंकार है कि

कहाँ किसने कैसे 

वक्त की हेराफेरी की ...

कहाँ कितने 'दावे' किए गए

और कितने वादे

करके भी 'तोड़' दिए गए... !!!


एक-न-एक दिन कड़वा सच

ज़रूर सामने आएगा...

क्योंकि कोई माने या न माने,

मैं तो सर उठाकर बोलता हूँ --

"सत्यमेव जयते ! सत्यमेव जयते !"


झूठ की गतिवेग

ऊपरवाले की विधान से ही

एक दिन 'कम' होगी...

और 'सच्चाई' की ही

जीत होगी...

ये मेरा आत्मविश्वास है...!!!


'तैलमर्दन' पे ये दुनिया

बहुत दूर तक

सही नहीं चल सकती...!

इतिहास गवाह है

एक न एक दिन

झूठ का 'पर्दाफाश'

ज़रूर होता है

और सच्चाई की ही

जीत होती है... !!!

इसीलिए मैंने रणभेरी बजा दी...!!!

अब वक्त का खेल वक्त को ही दिखाना है...!


कड़वी सच्चाई तो यही है

कि मेरे घर में रोटियाँ

'सूखी' ज़रूर पकाई जातीं हैं,

मगर वो "ईमान" और

"नेकी" के आटे से 

ही हमेशा बेली जाती हैं... !!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama