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Arpan Kumar

Romance

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Arpan Kumar

Romance

कभी-कभार

कभी-कभार

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तुम कभी-कभार

मिलती हो

जैसे मिलती है

बारिश

सूरज से

यदा-कदा

 

तुम्हारा यूँ मिलना

अच्छा लगता है मुझे 

मन चाह रखता है

यह अवसर 

आता रहे 

जब-तब

 

यह जानते हुए कि

तुम्हें प्यार करना

संभव नहीं

दिल ज़िद करे

इस असंभव को

संभव करने की

 

तुम कभी कभार

मिलती हो

बस मिलती रहो यूँ ही

प्यार का क्या है

उसे दबाना आता है मुझे

जैसे बीज दबाए रखता है

अपने भीतर 

एक शज़र को...


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