कौन चाहता है
कौन चाहता है
कौन चाहता है!...
मंजिल से मिलने से पहले ही लौट जाओ,
जब चलना शुरू किया है तो अपनी मंजिल को तो पाओ,
कौन चाहता है तुम तूफानों से टकराओ,
पर यदि राहों में तूफान मिले तुम्हें उससे तो ना घबराओ,
जीवन में कई मोड़ आते हैं,
जहाँ किसी के चाहने न चाहने से कुछ नहीं बदलता,
बस तुम्हें आगे बढ़ने के लिए हिम्मत और हौसला चाहिए,
तूफान तो होते ही है तबाही मचाने के लिए,
तुम भी आगे बढ़ो कुछ कर दिखाने के लिए,
कौन चाहता है तुम लहरों से डर कर भाग जाओ ,
लेकिन कुछ पाने के लिए सागर के किनारे तक तो आओ,
लहरों से डरकर नदी बैठ गए तो मंजिल को क्या पाओगे,
राह में खाली हाथ ही चलना शुरू किया था ,
खाली हाथ लौट जाओगे,
कौन चाहता है तुम अपने कर्तव्य मार्ग पर डगमगाओ,
देर से ही सही हार ना मानो कुछ करके दिखाओ I
