कौन भला बातें करता है ?
कौन भला बातें करता है ?
वो दिन भी बड़े अजीब थे
एस 0 टी 0 बूथ पे लंबी कतारें लगतीं थीं !
अक्सर रातों में ही लोगों की
भीड़ वहाँ जुटती थी !
बहुतों के पास लैंडलाइन
फोन नहीं होते थे !
लोग बात करते हुये
बिल के मिटर पर ध्यान रखते थे !
एक बार कनैक्शन मिल गया
सपने सुहाने दिखने लगे !
अपने माता -पिता, भाई -बहन चाचा -चाची
आस -पड़ोस से बातें करने लगे !
लोगों में बस एक चाह होती थी
बातें हम सबसे करेंगे !
कितने प्रतिक्षाओं के बाद
हमारा नंबर आया हम तो
बात करते रहेंगे !
अब दौर नया आ गया
सबों के हाथों में मोबाइल आ गया !
सब इंटरनेट से जुड़ता चला गया
वाईफाई के जलबों ने महाभारत का
“संजय”हमको बना दिया !
नए यंत्रों का खेल हमको सीखा दिया !
बस एक बात हो गई संबादों से
दूर हो गए !
सीमित लोगों से ही बातें होने लगीं पर
और लोग छुट गए !
सीमित संसाधनों में चाहतें तेज होतीं हैं !
प्रचुर समग्रियाँ देखकर हमें भूख कहाँ लगती है ?