कैसे बताऊँ तूझे
कैसे बताऊँ तूझे
दुनिया बड़ी अलबेली है,
कैसे बताऊँ तूझे,,,
ये बाहर से दिखती दुल्हन
अंदर से पूरी खोखली है।
दर्द में हूँ बहुत
किसको यह बात दिखी है
सुरक्षित है तू तबतक,
जबतक तू मुझमें छुपी है।
सब तेरे इंतजार को तरसे हैं...
शुरुआत में झलकती ये खुशी
बस आँखों में आई
हलकी सी झपकी है,
कैसे बताऊँ तूझे........
अदंर से तो ये लोग
नए बोझ से दुखी हैं।
