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Raksha Gupta

Drama Action Thriller

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Raksha Gupta

Drama Action Thriller

कैसा यह कुदरत का कहर है,

कैसा यह कुदरत का कहर है,

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कैसा यह कुदरत का कहर है, 

दिलो दिमाग में छाया क्यों डर है 

बन्द घरों में साथ सभी हैं, 

अकेलापन फिर भी हर पहर है 


याद है आते वो दोस्त पुराने, 

जिनके साथ न थे हम वीराने 

वो संग बैठकर हंसना हंसाना, 

कहाँ से लाऊँ फिर वो जमाना 


इस प्रलय ने हमको यह सिखाया, 

ना कोई अपना ना कोई पराया 

हंस कर तू जी ले इस जग में, 

बाकी तो सब है बस मोह माया 


हे प्रभु कर दे बस इतनी सी रहमत, 

दे दे मुझको वो खुशी की दौलत 

जीना चाहूँ आज का हर पल, 

जाने सांसों का होगा क्या कल 


हवाओं में भी अब घुला जहर है, 

कैसा यह कुदरत का कहर है।


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