"पतंग"
"पतंग"
जीवन का तेरे कोई हो रंग
उड़ाते रहो,तुम तो बस पतंग
कितना ही दुःख हो तेरे संग
बजाते रहो, तुम तो खुशी चंग
विचारों से कभी न हो अपंग
लक्ष्य के लिये रहो, सदा दबंग
अपने कर्म की डोरी के संग
उड़ाते रहो, तुम तो बस पतंग
औरों से नही खुद से रख, उमंग
मंजिल पथ कितना ही हो तंग
तू चलता चल पूरे जोश उमंग
एक दिन मंजिल पर होगा, तुरंग
वही जीतता है, जीवन की जंग
जिसने ली, कुछ करने की सौंगध
कर्म कर, तोड़ दे सारे तू आबंध
जीवन से आयेगी तेरी सुगन्ध
वही उड़ती सबसे ऊंची पतंग
जो कर्म करता जीवन मे स्वतंत्र
सबसे पहले फन कुचल भुजंग
जीवन मे आयेगा, तेरा आनन्द
दिमाग पर बोझ मत रख, हंस
उड़ता रह, बिना किसी डर मलंग
एकदम मिलन होगा, आसमां संग
देखकर, तुझे लोग सब होंगे दंग
