उथल - पुथल
उथल - पुथल
कुछ दिनों से मैं नाराज हूँ
पर किससे और क्यों,जानती नहीं
जताती नहीं किसी को,
पर नजरें हैं कि मेरी मानती नहीं
कुछ भी नहीं लगता अच्छा,
कसूर यह विचारों का है
कोई रिश्ता न लगे सच्चा,
कसूर कुछ दरारों का है
कुछ दिनों से मैं परेशान हूँ
पर किससे और क्यों जानती नहीँ
जताती नहीं किसी को,
पर नजरें हैं कि मेरी मानती नहीं
सलाह और सुझाव तो हैं,
पर साथ कोई देता नहीं
अपने मन की सुनूं कैसे,
क्रोध में कुछ कहता नहीं
कुछ दिनों से मैं हैरान हूँ
पर किससे और क्यों जानती नहीँ
जताती नहीं किसी को,
पर नजरें हैं कि मेरी मानती नहीं।