STORYMIRROR

Raksha Gupta

Abstract Inspirational

4  

Raksha Gupta

Abstract Inspirational

भविष्य के पल

भविष्य के पल

1 min
249

जब हो जाएंगे कर्तव्य सब पूरे, 

तब फिर हम दोनों संग बैठेंगे 

और याद करेंगे वो बीते लम्हे, 

कुछ बन्द पुलिन्दे भी खोलेंगे 


जब देखूँगी मैं शादी का लहंगा, 

तुम अपनी शेरवानी खोजोगे 

अपनी शादी के हर किस्से का, 

फिर तुम तिनका तिनका जोड़ोगे 


फिर नजर पड़ेगी उस बक्से पर, 

जिसे भागकर हम दोनों खोलेंगे  

उसमें रखे छोटे छोटे कपड़ों में,

अपनी गुड़िया का बचपन टटोलेंगे 


कभी हंसेगें उन सब यादों पर, 

कभी प्रभु को शुक्रिया बोलेंगे  

व्यस्तता नहीं होगी फिर कोई, 

सुकून से दोनों फिर संग घूमेंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract