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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Drama Tragedy

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Drama Tragedy

चुप्पी का अंजाम

चुप्पी का अंजाम

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सही रास्ता कभी-कभी जब वक्त कठिन हो जाता,

दिशाएँ धुंधली, राहें उलझ जातीं,

दिल में डर का बादल छा जाता,

पर सही नियत से ही रौशनी मिल जाती।


मुश्किलों के साये जब पास आते हैं,

और हर कदम पे कांटे बिछ जाते हैं,

तब भी दिल में उम्मीद जलाते रहना,

सही मानसिकता से आगे बढ़ते रहना।


सच्चाई की राह यूँ आसान नहीं होती,

चुप्पी का अंजाम हर मोड़ पर तानों की आवाज होती,

पर जो सही का दामन थामे रखते हैं,

उनकी मंज़िल भी सदा पास रहती है।


जब हिम्मत लड़खड़ाने लगे सफर में,

याद रखना, वक्त बदलता है हर पल में,

सच्चाई की राह पे चलने वाला इंसान,

खुशियों का आनंद भी पाता है अंजाम।


वो जो सही नियत से चलता है हरदम,

उसके जीवन में सुख आता है कमल-सा खिलकर,

कठिनाइयाँ उसकी ताकत बन जाती हैं,

और हर दर्द की कहानी मुस्कान बन जाती है।


तो चलो सही रास्ते पे, चाहे मुश्किल हो घना,

सच की राह पे चलना ही असली जीवन का गहना,

फिर देखो, कैसे कठिनाइयों में भी आनंद मिलेगा,

और सही मानसिकता से ही सुख का पल खिलेगा।


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