काश
काश
काश मैं ज़िन्दगी फिर से जी पाता
कुछ या बहुत सी चीज़ों को कुछ या बहुत हद तक सुधार पाता
अब लगता है चलते-चलते बहुत दूर निकल आए
और वापस जाना अब शायद कभी मुमक़िन नहीं
सही कहते थे लोग की रेत और समय को मुट्ठी में पकड़ना मुमक़िन नहीं
जितना ज़्यादा ज़ोर लगाओ वो उतनी ही तेज़ी से बह चलेगा
सपनों का भॅवर अक्सर मुझे उस भूतकाल में खींच ले जाता है
पर मैं कुछ भी बदलने की कोशिश में अक्सर हार के आता हूँ
तब लगता है मैं कल भी असमर्थ था और आज भी
कई बातें थी जो किसी को बतानी थी
कई किस्से थे जो किसी को सुनाने थे
कई लोग थे जिनसे आखरी मुलाक़ात ठीक से कर न पाए
और वो रुक्सत हो गए बिना बताये
बस उसी एक उम्मीद में की एक दिन ऐसा कुछ मुमक़िन हो पाए
और काश मैं ज़िन्दगी एक बार फिर से जी जाऊँ।