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राजेश "बनारसी बाबू"

Inspirational Children

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राजेश "बनारसी बाबू"

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काश यह नवरात्र रोज आए माँ

काश यह नवरात्र रोज आए माँ

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काश यह नवरात्रि रोज आए माँ,

काश इन कन्याओं को रोज पूजा जाए माँ, 

आज इन कन्याओं को तिलक लगाया जाएगा माँ,

आज इन कन्याओं का आदर और सम्मान भी होगा माँ,


फिर कल इन्हें वासना की भरी दृष्टि से देखा जाएगा माँ, 

आज नव कन्या पूजा जाएगा माँ,

कल फिर वही इनकी भ्रूण हत्या होगी माँ, 

क्या नौ माह गर्भ में रखने पर उन्हें दर्द नहीं होता होगा माँ,

क्यों मार देते हैं लोग माँ,


मैं कन्या हूं यही अभिशाप है माँ, 

फिर क्यों नवरात्रि पर हमे पूजंते हैं माँ,

कन्या जगत जननी होती है ना माँ,

 फिर क्यों आज सुरक्षित नहीं हम माँ,

 काश यह नवरात्रि रोज आए माँ,


 कल से फिर से वही निर्भया हाथरस दिल्ली केस होगा ना माँ, 

बलात्कार केस मे लोग कपड़े को दोष देते हैं माँ,

फिर दूध मूही बच्ची का फिर क्या है दोस माँ, 

क्यों सोच नहीं सही हो सकता है काश यह नवरात्रि रोज आए माँ,

काश यह नवरात्रि रोज आए माँ।


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