..... काश! यह दुनिया अपनी होती.....
..... काश! यह दुनिया अपनी होती.....
काश! यह दुनिया अपनी होती,,
रंग बिरंगी हस्ती रोती,,
अपना होता एक घर,,
घर में होता एक बगीचा,,
जिसमें खिलते ढेरों फूल,,
फूलों में होती खुशबू,,
काश! इसी खुशबू से पूरी दुनिया महकती,,
काश !यह दुनिया अपनी होती,,
दुनिया का है एक उसूल,,
कहने को सब पास,,
लेकिन रहते सब दूर,,
अपनों से लड़ते,,
गैरों को अपना कहते,,
अपनों की बातों पर करते नहीं विश्वास,,
ऐसी दुनिया में, क्या होगा कुछ खास?
अपनी होती दुनिया तो,,
लगता सब कुछ अच्छा,,
सपनों की इस दुनिया में,,
होता सब कुछ सच्चा,,
सच्ची सी कुछ बातें होती,,
सच्चे होते सारे रिश्ते,,
रिश्तो में होता प्यार,,
प्यार भरी इस दुनिया में,,
कुछ ना होता बेकार,,
काश! यह दुनिया अपनी होती,,
होता एक संसार,,
जिसमें बच्चे खेलते,,
रहते सब परिवार,,
काश! यह दुनिया अपनी होती,,
होता एक परिवार।
