STORYMIRROR

Rajeshwar Mandal

Tragedy

4  

Rajeshwar Mandal

Tragedy

कार्य प्रगति पर है

कार्य प्रगति पर है

1 min
417

 भले जीडीपी गिर जाए देश की

 पर देश उन्नति पर है

 लिखने में क्या जाता है

 लगा दो बोर्ड चौराहे पर

 कार्य प्रगति पर है


 हाल पूछना हो तो पूछो

 उन गरीब मज़दूरों से

 सड़क बैठे भिखारी से

 साक्षात्कार लो एक बार

 पढ़े अनपढे बेरोजगारों से

 छोटे-छोटे व्यापारियों से

 जो रोज कमाकर खाते थे

 नेता और बाबूओं का क्या

 वो तो वेतन पाते हैं


 बहुत हो गया

 कोरोना का रोना

 अब इसका बहाना बन्द करो

 हम भी भारत के नागरिक हैं

 कुछ तो मेरी भी बात सुनो

 हाल-ए-दर्द बयां कैसे करुं साहब

 भूख हमें भी लगती है

 जी हां चौराहे पर लगी बोर्ड की तरह

 कार्य प्रगति पर है

 और मेरा कर्ज शिखर पर 


 एक अदने से खिलौने के खातिर

 जब बच्चे याचक निगाहों से देखता है

 पापा आयेंगे पैसे लायेंगे

 मां उसे झूठी तसल्ली देती हैं

 रोता हूं बहुत रोता हूं

 अंदर ही अंदर दम घुटता है

 जी करता है••••••••••

 पर मासुम बच्चे को देख रुक जाता हूं

 विराम सा लग गया है चहूं ओर

 आंखों के आगे अंधियारा है

 और कितना धीरज धरूं

 कैसे मान लूं कार्य प्रगति पर है


 कोरोना से तो बच गए साहब

 पर अर्थ तंगी से नहीं बच पायेंगे

 रेल कल कारखाने चालू करो

 ताकि मेरा भी जीवन यापन हो पाएं

 चमकते सूट बूट यदि प्रगति का आइना है

 तो मैली कुर्ता धोती भी देश का पैमाना है

 सीधी बात नहीं बकवास

 बस पुराने दिन फिर से लौटा दो

 हम मान जाएंगे साहब

 देश उन्नति पर है 

और कार्य भी प्रगति पर है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy