काफी है
काफी है
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है ,
तेरे होने का एक एहसास ही काफी है ,
तू हँस भी देता है गर मेरी बातों पर ,
मेरे लिए तेरा वो एहसान ही काफी है।
इतना वक़्त नहीं अब
कि दोनों खुल कर मुस्कुरायें ,
अपनी - अपनी आदतों को फिर से दोहरायें ,
मेरे लिए अब तेरा थोड़ा वक़्त ही काफी है।
जो लम्हे गुजर गए उनकी याद के सहारे ,
कभी - कभी तुझे ढूंढ लेती हूँ रेत के किनारे ,
उस रेत में दबे वो अरमान ही काफी है ,
तेरे मेरे दिल के कुछ घाव ही काफी हैं।
तुमने हर बार मुझे हौसलों से वारा ,
मैं डूबती थी जब तुमने दिया किनारा ,
तेरे हाथ को पकड़ मैने सीख लिया जीना ,
तेरे इतने सहारे का धन्यवाद ही काफी है।
मैं रोज़ तुम्हें संदेश में भेजती हूँ अपना प्यार ,
तुम देख उसे लौटाते हो अपनेपन का एक ख्याल ,
तेरे - मेरे ख्याल का बस वो राज़ ही काफी है ,
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है।

