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Shashi Aswal

Action Inspirational

4  

Shashi Aswal

Action Inspirational

कालरूपी काली

कालरूपी काली

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हे सखी मत संभालो अब 

दुपट्टा सीने में बार-बार 

अब न आएगा कोई संभालने 

तुम्हारी इज्ज़त हर बार 


कर लो दृढ़-निश्चय और 

बांध लो कफ़न अब सिर पर 

महाभारत के भीम की तरह 

शपथ न लेगा कोई इस बार 


हर बार न आ पाएगा कोई हुमायूँ 

राखी की लाज बचाने 

न बचा पाएँगे कोई कृष्ण इज्ज़त 

दोस्ती के हक के नाते 


बाहर निकलो घर से 

और सीखो आत्म-रक्षा के गुर 

न जाने किस भेष में 

आ जाए भक्षक घर के अंदर 


न करो किसी पर भरोसा

न करो किसी का इंतज़ार  

बन जा रानी लक्ष्मीबाई

अपनी अस्मिता के लिए इस बार 


खुद पैरों पर खड़े हो कर, 

इस बार खुद को बना सशक्त

अब कालरूपी काली बन, 

कर दरिंदों-दुष्टों का तू संहार...


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