जरा गौर करें
जरा गौर करें
जरा गौर करे दो राहों पर एक साथ नहीं चला जाता
पैैर भले ही दो पर एक से भी नहीं चला जाता।
अभी दो दिन चलना हुुुआ किसी राह पर
और तीसरे दिन लग गया की जैसे बहुत दिन चल रहे।
दो फलक हैं पर कलंक एक ही काफी हैं
एक सनक हैं जिसमें पतन सब का ही शामिल हैं
एक अलग रहा जो चंचल मन करने को जतन
बहुत कुछ पा लिया पर मन में अभी भी होती रहती है हलचल ।
एक परचम अपना फैलाने पर तुले है
ये पांव चरम बिन्दु पर तो थमने ही है
जब तक सांस है तब तक चैन ही नहीं
मरने के बाद भी क्या चैन किसी का चुरा पाओगे|
एक सरगम पर जरा गौर करें
इसे ही संगम की खबर है
मन में बैठी इसके मृदंग है
सत्संग में सदैव इसके ही सुर संग है।
जरा शौर ना करें अपनी कामयाबी का
इसकी परछाई छोटी बडी होती रहती है
कामयाबी के शौर के परे का नकाब जनाब
मालूम हो कि
नाकामयाबी के नायक भी कहीं होते है।
जरा मोर नाचा और बारिश भी बरसी
संग मोर के नैनों से क्या तारिफ निकली
एक तरफ साजिशों में दोष पाते निर्दोषी
एक तरफ साजिशें करते है पर कहलाते निर्दोषी।
जरा गौर करें रार किसी से ना करे
क्या आसमान पा लेंगे किसी से करके बैर
परा है जो सच की साधना की सेज
उसी पर आ पायेगी नींद गहरी विशेष।
