जनता कर्फ्यू
जनता कर्फ्यू
पूर्वजों से सुना था
किसी का जीवन बचाने हेतु झूठ बोलना
कतई पाप नही कहलाता
प्रचार में सुना दाग भी अच्छे होते हैं
कोरोना ने सिखाया ,कभी कभी
एकांतवास भी जरूरी होता है
मजबूरी ही सही ,आधी अधूरी ही सही
पूरा परिवार एकसाथ
मिल बैठ खाया ,रोया- गाया तो सही
ऐसा होता नही अब कभी
हो रहा जैसा अभी अभी
शहर बंद ,चौराहा बंद ,गलियां बंद
बंदिशों का सिलसिला सा - पास भी दूर भी
अब तो सरकारी आह्वान भी
ना तुम निकलोगे न हम निकलेंगे
जिंदा रहे तो फिर मिलेंगे
जनता कर्फ्यू के बाद
सब ठीक ठाक होगा
सकारात्मक सोच है, उम्मीद है ,भरोसा है
खुद से खुद के लिए खुद पर लागू करो
मार्च की बाइस को , बाइस मार्च को
जनता कर्फ्यू ,अपना कर्फ्यू , जनता कर्फ्यू ।।