जंग के आसार
जंग के आसार
जंग ए अज़ीम के आसार नज़र आ रहे हैं
दो दिल मुस्तैदी से तैयार नज़र आ रहे हैं
न हो सके तबादले मुहब्बत की नौकरी में
तन्हा रातों में आशिक़ों की तैनाती है
मिलते नहीं फ़सादी दिल औ दिमाग से कहीं
जंग इनकी जब हो तो नींद कहाँ आती है
लफ़्ज़ों की है पलटन नज़्मों की फ़ौजें है
ख्वाबों में आजकल घुसपैठ बड़ी जारी है
पलकों की सरहद पर यादोँ की क़वायद है
इस दिल पे किसी की क़ब्ज़े की तैयारी है
जंग ए अज़ीम के आसार नज़र आ रहे हैं
दो दिल मुस्तैदी से तैयार नज़र आ रहे हैं
मुहब्बत जब होती है धड़कन शोर मचाती है
यादें भी साँसों संग कदमताल मिलाती है
किसीकी मौजूदगी के ख़ेमे दयारे दिल में गड़े हैं
जो ज़िंदगी पे उसकी ही हुक़ूमत चलाती है
चलती नहीं दिमाग़ की अब दिल की बड़ी सख़्ती है
दिल की गलियों में एक ही नाम की तख्ती है
हर सेहरा रास्ते और क्या शहर क्या दश्त है
शायरियों की टुकड़ियों की मुसलसल गश्त है
जंग ए अज़ीम के आसार नज़र आ रहे हैं
दो दिल मुस्तैदी से तैयार नज़र आ रहे हैं!