जख्मी एहसास
जख्मी एहसास
किस से कहें यह बात
जख्मी है एहसास।
खंजर मिला उन्हें हाथों में,
जिनके दिया हाथ में हाथ,
जख्मी है जज्बात
प्यार का मेरे कतरा कतरा,
क़त्ल हुआ दिन-रात,
जख्मी है जज्बात
प्रीत निभाना क्या जाने वो,
कैसे समझे दिल की बात,
जख्मी है जज्बात
आंख भी थक गई रोते-रोते,
ना दिया किसी ने साथ,
जख्मी है जज्बात
गम की दुनिया, दुख का मेला,
लगा नहीं कुछ हाथ,
जख्मी है जज्बात
या मेरे रब्बा पास बुला ले,
या ना कर दिल की बात,
जख्मी है जज्बात।

